हमारे शरीर में मौजूद गुर्दे दो ऐसे छोटे अंग होते हैं जो हमारी रीढ़ के दोनों ओर पसलियों के नीचे स्थित होता है।गुर्दे का मुख्य कार्य ब्लड को छानना और अतिरिक्त पानी को विषाक्त पदार्थों और अन्य अपशिष्टों के साथ बाहर निकालना है, जो शरीर द्वारा पेशाब के रूप में उत्पन्न होते हैं | यह हमारे शरीर के प्रमुख अंगों में से एक होते हैं जिन पर हमारे शरीर की अधिकांश गतिविधियां निर्भर होती हैं। हमारी किडनी या हार्मोन बनाने और इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, साथ ही साथ या शरीर में मौजूद कचरों को बाहर निकालने का भी काम करती हैं। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेद में भी कई उपाय बताए गए हैं। कुछ ऐसे आसान नुस्खे हैं जिनकी मदद से आप अपनी किडनी को डिटॉक्स कर सकते हैं, इससे ना सिर्फ आपकी किडनी अच्छी तरह से काम करेगी बल्कि भविष्य में होने वाले रोगों के होने की संभावनाएं भी कम हो जाएंगी।किडनी को आप स्वस्थ खानपान और पर्याप्त पानी पीकर हेल्दी रख सकते हैं. यदि आप अनहेल्दी खानपान करेंगे, तरल पदार्थों का सेवन भरपूर नहीं करेंगे और टॉक्सिन पदार्थों के संपर्क में आएंगे, तो किडनी की सेहत को नुकसान पहुंच सकता है. ऐसे में किडनी की भी साफ-सफाई बेहद जरूरी है |


किडनी को  फ्लश करे .....

किडनी फ्लश यानी किडनी की साफ-सफाई करना, उसे क्लिंज करना. यह एक प्रकार का डिटॉक्स डाइट है, जिसमें किडनी को सही तरीके से कार्य करने के लिए डिजाइन किया गया है. गुर्दे की सफाई कई तरह से की जा सकती है. आप कुछ फूड्स के सेवन से भी किडनी को साफ और स्वस्थ रख सकते हैं. जानें, किडनी को डिटॉक्स करने के लिए क्या फूड्स खाना चाहिए. ये फूड्स किडनी में जमे हुए विषाक्त और अन्य अपशिष्ट पदार्थों से छुटकारा पाने में मदद कर सकते हैं, जिससे गुर्दे की बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है. हालांकि, वर्तमान में कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है कि किसी खास तरीके या फूड्स के जरिए गुर्दे की सफाई की जा सकती है. लेकिन, हेल्दी खानपान और भरपूर तरल पदार्थों के सेवन से किडनी को स्वस्थ रखने में जरूर मदद मिल सकती है.

गर्म पानी के साथ अदरक और धनिया बीज

किडनी की सफाई के लिए गर्म पानी एक अच्छा विकल्प है। आप 1 लीटर पानी में 5 ग्राम अदरक और 5 ग्राम तक धनिया के बीज को लेकर एक साथ उबाल सकते हैं। इस सामग्री को तब तक उबालना है जब तक 1 लीटर पानी पक कर 10 ग्राम तक ना हो जाए। इसे गुनगुना होने दें और फिर सेवन करें।

क्या आप जानते हैं कि हर अंग को सही तरीके से अपना कार्य करने के लिए पानी की जरूरत होती है. ठीक उसी तरह से किडनी को भी लिक्विड पदार्थ की जरूरत होती है, क्योंकि इसका मुख्य काम होता है फिल्टर करना. किडनी को यूरिन बनाने के लिए पानी की जरूरत होती है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों और अपशिष्टों को बाहर निकालता है. मूत्र की कम मात्रा किडनी डिस्फंक्शन, गुर्दे में पथरी बनने से संबंधित है. ऐसे में प्रतिदिन 3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए.


नारियल पानी और इलायची

नारियल पानी और इलायची भी किडनी की सफाई में एक बराबर काम करता है। हरे कच्चे नारियल के पानी में इलायची पाउडर डालकर पीना किडनी डिटॉक्स में फायदेमंद हो सकता है। 12ml नारियल पानी में 2 ग्राम इलायची पाउडर डालकर आप सेवन कर सकते हैं।

अगर आप किडनी से जुड़ी किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो इन नुस्खों का प्रयोग करने से पहले अपने डॉक्टर या किसी आयुर्वेदाचार्य की सलाह ले सकते हैं। क्योंकि यह नुस्खे सिर्फ उन लोगों के लिए है नींद की किडनी स्वस्थ है उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं है।


बेरीज फलों का सेवन करें
अधिकतर बेरीज में एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइटोकेमिकल्स और किडनी की कोशिकाओं को सुरक्षित रखने वाले प्रभाव होते हैं. इससे इंफ्लेमेशन और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस भी कम होता है. किडनी को फ्लश करने की जब बात आती है, तो ब्लूबेरी और क्रेनबेरीज का सेवन अधिक करना चाहिए. क्रैनबेरी यूरिनरी ट्रैक्ट को शांत रखते हैं और संक्रमण से बचाते हैं. ब्लूबेरीज में पोटैशियम, सोडियम और फॉस्फोरस की मात्रा कम होती है, ऐसे में इनका सेवन आप कर सकते हैं.

खूब खाएं तरबूज, अनार
तरबूज में भरपूर मात्रा में पानी, फाइबर और कई अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो किडनी को नुकसान होने से बचा सकते हैं. तरबूज में यौगिक लाइकोपीन होता है, जो किडनी डैमेज होने पर इंफ्लेमेशन होने से बचाता है.. तरबूज शरीर में साइट्रेट, कैल्शियम, फॉस्फेट, ऑक्सालेट के लेवल को बैलेंस करने में भी मदद कर सकता है. अनार में पोटैशियम काफी होता है, जिसे किडनी को क्लिंज करने वाली डाइट में शामिल किया जा सकता है. पोटैशियम गुर्दे की पथरी के जोखिम को कम कर सकता है. गुर्दे से विषाक्त पदार्थों और अपशिष्ट को बाहर निकालने में मदद कर सकता है. बावजूद इसके, तरबूज और अनार में अधिक मात्रा में पोटैशियम होता है, जिनका सेवन किडनी क्लिंज के दौरान अत्यधिक नहीं करना चाहिए.
पोटैशियम उन मिनरल्स में से एक है, जिसे किडनी की कार्यक्षमता में किसी भी तरह की खराबी आने पर उसे साफ कर पाना मुश्किल होता है.


किडनी में समस्या होने पर नजर आने वाले लक्षण
– थकान महसूस होना
– जी मिचलाना
– खुजली होना और रूखी त्वचा
– एड़ियों में सूजन होना
– ब्रेन फॉग
– पैरों में दर्द होना
– बार-बार किडनी में स्टोन होना
– यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होना
– मुंह में खराब स्वाद आना
– पेशाब जल्दी होना, रंग में बदलाव