किडनी को स्वस्थ रखने और रोगों से बचाने के लिए टिप्स

 अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने और किडनी से संबंधित विकारों को रोकने के लिए किडनी की देखभाल करना आवश्यक है। किडनी की देखभाल के लिए कुछ सरल स्टेप्स का पालन करना होता है जैसे, अधिक पानी पीना, संतुलित आहार खाना, अत्यधिक शराब के सेवन से बचना और नियमित रूप से व्यायाम करना शामिल है।

लेकिन क्या हो अगर आपको पहले से ही किडनी से संबंधित विकार है? तो आप निश्चिंत रहें बंसल अस्पताल, विशेषज्ञ देखभाल के लिए सर्वश्रेष्ठ अस्पताल है। इसके स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर किडनी से संबंधित कई विकारों के इलाज में अत्यधिक प्रशिक्षित और अनुभवी हैं।


क्यों है किडनी की देखभाल ज़रूरी 

किडनी कई कार्यों को करने वाला एक आवश्यक अंग हैं, जैसे रक्त से अपशिष्ट और अतिरिक्त फ्लूइड को फ़िल्टर करना, रक्तचाप को नियंत्रित करना, इलेक्ट्रोलाइट स्तर को संतुलित करना और रेड ब्लड सेल्स बनाने में मदद करने वाले हार्मोन का उत्पादन करना। उनके आवश्यक कार्यों को देखते हुए, किडनी की देखभाल के महत्व को समझना और अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए आवश्यक उपाय करना महत्वपूर्ण है।


सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, किडनी की उचित देखभाल किडनी रोगों के विकास को रोकने में मदद करती है। मधुमेह सहित कई कारक उच्च रक्तचाप, और कुछ दवाएं, किडनी डैमेज को बढ़ा सकती हैं।


एक स्वस्थ जीवन शैली और नियमित चिकित्सा जांच को अपनाकर, व्यक्ति संभावित जोखिम कारकों की पहचान कर सकते हैं और इन स्थितियों को प्रभावी ढंग से रोकने या प्रबंधित करने के लिए उचित कदम उठा सकते हैं। किडनी के कार्य को बनाए रखने और अपरिवर्तनीय डैमेज को रोकने के लिए शुरुआती पहचान और उपचार करना महत्वपूर्ण है।


शरीर में किडनी के कार्य 

शरीर के स्वास्थ्य और संतुलन को सुनिश्चित करने के लिए किडनी महत्वपूर्ण हैं। यहाँ किडनी के कुछ कार्यों को सूचीबद्ध किया गया है:

    अपशिष्ट निकलना: किडनी का प्राथमिक कार्य रक्त से अपशिष्ट उत्पादों, विषाक्त पदार्थों और अतिरिक्त पदार्थों को फ़िल्टर करना होता है।

    फ्लूइड बैलेंस: किडनी रक्तप्रवाह में इलेक्ट्रोलाइट्स और पानी, जैसे पोटेशियम, सोडियम और कैल्शियम की मात्रा को नियंत्रित करके शरीर के फ्लूइड बैलेंस को नियंत्रित करने में मदद करती है।

    एसिड बेस संतुलन: किडनी शरीर के एसिड बेस संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिसे PH भी कहा जाता है।

    रक्तचाप संतुलन: किडनी रेनिन नामक हार्मोन का उत्पादन करके रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करती है।

    रेड ब्लड सेल्स का उत्पादन: क्या आप जानते हैं कि किडनी एरिथ्रोपोइटीन का उत्पादन करती है, एक हार्मोन जो बोन मेरो को रेड ब्लड सेल्स को बनाने रखने में मदद करता है। 

    विटामिन D सक्रियण: किडनी विटामिन D को सक्रिय करती है, कैल्शियम अवशोषण और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करती है। किडनी इनएक्टिव विटामिन D को उसके सक्रिय रूप में परिवर्तित करती है, जो शरीर में कैल्शियम के उचित स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं।

    ब्लड फिल्ट्रेशन: अपशिष्ट उत्पादों को हटाने और समग्र रक्त की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए किडनी प्रत्येक दिन लगभग 120-150 लीटर रक्त को फ़िल्टर करती है।



किडनी की सामान्य समस्याएं

यहाँ किडनी की कुछ सामान्य समस्याएं दी गयी हैं जो हैं:

    किडनी स्टोन 

    यूरिनरी ट्रैक्ट में संक्रमण (यूटीआई)

    किडनी में संक्रमण (पायलोनेफ्राइटिस)

    क्रोनिक किडनी डिसीज़ (CKD)

    एक्यूट किडनी इंजरी (AKI)

    ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस

    पॉलीसिस्टिक किडनी डिसीज़ (PKD)

    किडनी कैंसर

    नेफ्रोटिक सिंड्रोम

    रीनल आर्टरी स्टेनोसिस


किडनी को स्वस्थ रखने और रोगों से बचाने के लिए टिप्स 


यहाँ किडनी स्वास्थ्य के लिए कुछ सरल युक्तियाँ दी गई हैं:

1. हाइड्रेटेड रहें


स्वस्थ किडनी को बनाए रखने के लिए उचित हाइड्रेशन आवश्यक है। पर्याप्त पानी पीने से शरीर से विषाक्त पदार्थों और अपशिष्ट उत्पादों को निकालने में मदद मिलती है, जिससे किडनी स्टोन  बनने  का जोखिम कम हो जाता है। रोज़ाना 8-10 गिलास पानी पीना किडनी के फंक्शन के लिए उपयुक्त होता है।

2. स्वस्थ आहार का पालन करें


किडनी की उचित देखभाल के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार बनाए रखना आवश्यक है। फलों, सब्ज़ियों, होल ग्रेन, लीन प्रोटीन और हैल्दी फैट जैसे एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और मिनरल से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ, उच्च-सोडियम स्नैक्स, शुगर युक्त पेय और अत्यधिक रेड मीट को सीमित करना या उससे बचना महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये सभी किडनी को नुकसान पहुँचा सकते हैं और किडनी से संबंधित समस्याओं को जन्म दे सकता है।

3. नमक का सेवन सीमित करें


अत्यधिक नमक का सेवन उच्च रक्तचाप (BP) का प्रमुख कारण बनता है, किडनी की बीमारी से बचने के लिए महत्वपूर्ण जोखिम कारक प्रोसेस्ड और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों से परहेज करके अपने नमक का सेवन सीमित करें, जिनमें अक्सर उच्च मात्रा में सोडियम होता है।

4. धूम्रपान और अत्यधिक शराब के सेवन से बचें


किडनी विकारों के प्राथमिक कारणों में से एक धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन है। धूम्रपान किडनी में रक्त के प्रवाह को कम कर देता है और समय के साथ उनके कार्य को खराब करता है। इसी तरह, अत्यधिक शराब का सेवन डिहाइड्रेशन का कारण बन सकता है और किडनी को नुकसान पहुँचा सकता है।


5. नियमित व्यायाम करें


नियमित शारीरिक गतिविधि आपके शरीर को फिट रखती है और किडनी के स्वास्थ्य को बढ़ाती है। व्यायाम गंभीर स्थितियों, जैसे कि मधुमेह, एनीमिया और उच्च रक्तचाप के जोखिम को कम करने में मदद करता है, जो कि किडनी को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। नियमित व्यायाम रक्त परिसंचरण में सुधार करता है और वज़न को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।

6. तनाव का प्रबंधन करें


किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना महत्वपूर्ण है। तनाव से आपकी किडनी सहित आपके समग्र स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। मानसिक तनाव को प्रबंधित करने के स्वस्थ तरीके खोजें, जैसे विश्राम तकनीकों का अभ्यास करना, मनचाहे कार्यों में संलग्न होना, दोस्तों के साथ समय बिताना या पेशेवर मदद लेना।  

7. रक्तचाप को नियंत्रित करें


उच्च रक्तचाप, किडनी की बीमारी का एक प्रमुख कारण है। अपने BP की नियमित रूप से मॉनिटर करें और इसे स्वस्थ सीमा के भीतर रखने के लिए कदम उठाएं, जिसमें कम सोडियम वाला आहार लेना, नियमित रूप से व्यायाम करना, तनाव का प्रबंधन करना और आवश्यक दवाएं लेना शामिल है। व्यक्तिगत सलाह के लिए अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करें।

8. ब्लड शुगर के स्तर को मॉनिटर करें


यदि आपको मधुमेह है, तो अपने ब्लड शुगर के स्तर को मॉनिटर करना और उसे अच्छी तरह से प्रबंधित रखना महत्वपूर्ण है। अनियंत्रित मधुमेह समय के साथ किडनी को नुकसान पहुँचा सकती है। मधुमेह से जुड़ी किडनी की परेशानियों को रोकने के लिए दवाओं, आहार और जीवन शैली में संशोधनों के बारे में अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता की सलाह लें।

किडनी कैसे बनाए रखें: एक सरल मार्गदर्शिका

 किडनी हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। यह ब्लड को साफ करने में मददगार होती हैं और कई अन्य कार्य भी करती हैं। आइए जानते हैं कि हम अपनी किडनी को कैसे स्वस्थ रख सकते हैं।


किडनी के कार्य

किडनी हमारे लिए कई आवश्यक काम करती हैं:

  • विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना: यह खून से हानिकारक पदार्थों को हटाती हैं।
  • जल का संतुलन बनाए रखना: किडनी शरीर में जल और खनिज का संतुलन सही रखती हैं।
  • ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना: सही किडनी फंक्शन से रक्तचाप भी संतुलित रहता है।

सलाद और फलों का सेवन

फलों और सलाद का नियमित सेवन सेहत के लिए फायदेमंद होता है। यह ना केवल पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, बल्कि यह सही तरह से हाइड्रेटेड रहने में भी मदद करते हैं।

  • फल जैसे तरबूज और संतरे अधिक पानी वाले होते हैं।
  • सलाद में रेशे होते हैं, जो पाचन में मदद करते हैं।

सुनिश्चित करें कि आप रोजाना कम से कम दो सर्विंग फल और सलाद खाएं।

पानी की महत्वपूर्णता

क्या आप जानते हैं कि हाइड्रेशन से किडनी की सेहत बढ़ती है? पानी हमारे किडनी के लिए बहुत जरूरी है।

  • रोज 8-10 गिलास पानी पीने की कोशिश करें।
  • अधिक पानी न पीने से किडनी में स्टोन बनने का खतरा बढ़ता है।

सोडियम का सेवन कम करें

सोडियम, जिसे हम साधारण नमक के रूप में जानते हैं, किडनी पर нагрузки डालता है। इसकी अधिकता से रक्तचाप बढ़ सकता है, जो किडनी के लिए हानिकारक है।

  • अपने खाने से नमक की मात्रा कम करें।
  • प्रोसेस्ड फूड से दूर रहें, क्योंकि इनमें अधिक नमक हो सकता है।

फाइबर का महत्व

फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ हमारी किडनी के लिए अच्छा हैं। यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है।

  • दालें, सब्जियां और साबुत अनाज में उच्च फाइबर होता है।
  • इन्हें अपने आहार में समाहित करने की कोशिश करें।

नियमित व्यायाम

आपकी किडनी भी व्यायाम को पसंद करती हैं! नियमित व्यायाम करने से वजन नियंत्रित रहता है और रक्तचाप भी सही रहता है।

  • सप्ताह में कम से कम 150 मिनट एक्सरसाइज करें।
  • यह जॉगिंग, नहीं तो साइकिलिंग हो सकता है।

धूम्रपान और शराब से बचें

धूम्रपान और शराब किडनी पर बुरा असर डालती हैं। यदि आप किडनी की सेहत बनाए रखना चाहते हैं, तो इनसे बचना महत्वपूर्ण है।

  • धूम्रपान से किडनी फंडक्शन प्रभावित होता है।
  • भारी शराब का सेवन किडनी पर जबरदस्त दबाव डालता है।

चिकित्सा पर ध्यान दें

अगर आपको डायबिटीज़ या हृदय रोग है, तो आपको किडनी का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। नियमित जांच और सही दवा खाने से किडनी को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है।

  • डॉक्टर से सटिकता से परामर्श करें।
  • जरूरी जांचाएं जैसे कि क्रिएटिनिन की जाँच नियमित तौर पर करवाएं।

वजन का संतुलन

अत्यधिक वजन किडनी पर दबाव डाल सकता है। इसलिए, यदि आपका वजन अधिक है, तो उसे सही रखना जरूरी है।

  • अपने खाने की आदतों पर ध्यान दें।
  • ब्रेकफास्ट न छोड़ें और रात का खाना हलका रखें।

शुगर आपके किडनी की दुश्मन

डायबिटीज़, या उच्च शुगर का स्तर, किडनी के लिए खतरा हो सकता है। इसे नियंत्रित करने के लिए आप क्या कर सकते हैं?

  • शरबत व मीठे फल खाने से बचें।
  • नियमित एक्सरसाइज और संतुलित आहार करें।

तनाव को नियंत्रण में रखें

तनाव कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है, जिनका उच्च रक्तचाप और किडनी से संबंधित समस्याएं शामिल हैं। थोड़ा टाईम निकालें और अपने मन को शांत करने वालेActivities करें।

  • प्राणायाम और योग करने से मन को शांति मिलेगी।
  • इससे नसों में खून का प्रवाह भी सामान्य रहेगा।

किडनी की सेहत के लिए वित्तीय तैयारी

आपका किडनी का स्वास्थ्य ना केवल आपके शरीर की सेहत पर, बल्कि आपके वित्त के ऊपर भी बड़ा प्रभाव डाल सकता है। अच्छी किडनी सेहत रखने एवं बीमारी को दूर रखने से आप बड़े खर्च से बच सकते हैं।

हमें जीवनशैली के चुनाव पर ध्यान देना चाहिए। और अगर जानकारियाँ सही रहेंगी, तो किडनी की सेहत बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

निष्कर्ष

किडनी को स्वस्थ रखने के लिए दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलाव करना जरूरी है। सही आहार, पर्याप्त व्यायाम, और तनाव से बचकर किडनी की सेहत में सुधार ला सकते हैं।

याद रखें, स्वस्थ किडनी, बेहतर जीवन का रास्ता है।

अपने शरीर का ख्याल रखें और स्वस्थ रहें!

अच्छी सेहत पाने के लिए क्या करना चाहिए?

 ममें से कोई भी बीमार नहीं पड़ना चाहता है। जब हम बीमार पड़ते हैं, तो हमें बहुत परेशानी होती है, ऊपर से इसका खर्चा भी उठाना पड़ता है। हमें कुछ अच्छा नहीं लगता। न हम स्कूल जा पाते हैं, न ही काम की जगह पर। पैसा कमाना तो दूर, हम घरवालों की मदद तक नहीं कर सकते। उलटा शायद उन्हें हमारी देखभाल करनी पड़े। और-तो-और, कई बार इलाज करवाने और दवाइयाँ खरीदने के लिए बहुत पैसा लग जाता है।

कहा जाता है कि इलाज करवाने से बेहतर है कि हम एहतियात बरतें, ताकि हम बीमार ही न हों। माना कि कई बीमारियों से हम बच नहीं सकते। लेकिन हम कुछ ऐसे कदम ज़रूर उठा सकते हैं, जिन्हें अपनाने से बीमारी होने का खतरा कम हो सकता है और कई मामलों में तो शायद हमें बीमारी हो ही नहीं। आइए ऐसी पाँच बातों पर गौर करें, जिन्हें ध्यान में रखने से आप अच्छी सेहत पा सकते हैं।


साफ-सफाई का खयाल रखिए

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का मानना है कि “बीमारी से बचने और उसे फैलने से रोकने का सबसे अच्छा तरीका है” अपने हाथ धोना। गंदे हाथों पर कीटाणु होते हैं और जब हम गंदे हाथों से नाक पोंछते हैं या आँखें मलते हैं, तो सर्दी-ज़ुकाम और फ्लू जैसी बीमारियाँ आसानी से फैल जाती हैं। ऐसी बीमारियों से बचने का सबसे अच्छा तरीका है समय-समय पर अपने हाथ धोते रहना। अगर हम साफ-सफाई का अच्छा ध्यान रखें, तो हम निमोनिया और दस्त जैसी गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं, जिनसे हर साल 5 वर्ष से कम उम्र के करीब 20 लाख बच्चों की मौत हो जाती है। यहाँ तक कि सिर्फ अपने हाथ धोने से इबोला जैसी जानलेवा बीमारी को फैलने से भी काफी हद तक रोका जा सकता है।

अपनी और दूसरों की सेहत को ध्यान में रखते हुए, कई मौकों पर हाथ धोना बहुत ज़रूरी होता है, जैसे:

  • शौचालय जाने के बाद।

  • डायपर बदलने के बाद या बच्चे को शौचालय ले जाने के बाद।

  • घाव या चोट पर दवा लगाने से पहले और उसके बाद।

  • किसी बीमार व्यक्‍ति से मिलने से पहले और उसके बाद।

  • खाना बनाने, परोसने और खाने से पहले।

  • छींकने, खाँसने और नाक साफ करने के बाद।

  • पशुओं और उनके मल को छूने के बाद।

  • कूड़ा-कचरा फेंकने के बाद।

दवाओं का सेवन कम करें 

कुछ लोग हल्‍के दर्द में भी डॉक्‍टर की सलाह ल‍िए बगैर दवाओं का सेवन कर लेते हैं। लेक‍िन आपको बता दें क‍ि ऐसा करने से इम्‍यून‍िटी कमजोर हो सकती है। डॉक्‍टर की सलाह के बगैर दवाओं का सेवन करने से शरीर पर उनका नकारात्‍मक प्रभाव पड़ सकता है। बीमार‍ियों से बचने के ल‍िए जरूरी वैक्‍सीन और जांच की जानकारी अपने डॉक्‍टर से लेते रहें। 


अपने खान-पान पर ध्यान दीजिए

अच्छी सेहत के लिए ज़रूरी है कि आप पौष्टिक खाना खाएँ। इस बात का ध्यान रखिए कि आपके खाने में नमक, चिकनाई और मीठा सही मात्रा में हो और आप ज़रूरत से ज़्यादा खाना न खाएँ। तरह-तरह की फल और सब्ज़ियाँ खाएँ। ब्रेड, अनाज, नूडल्स और चावल जैसी चीज़ें खरीदते वक्‍त, उनके पैकेट पर दी गयी जानकारी पर ध्यान दें। छिलकेदार अनाज सेहत के लिए मैदे से बनी चीज़ों से बेहतर होता है। जहाँ तक खाने में प्रोटीन का सवाल है, अगर आप मांस-मच्छी खाते हैं, तो बगैर चरबीवाला थोड़ा-सा ही मांस खाइए और हो सके तो हफ्ते में दो-तीन बार मछली खाइए। कई देशों में शाकाहारी लोगों के लिए भी काफी मात्रा में ऐसी चीज़ें मिलती हैं जिनमें प्रोटीन होता है।

ज़्यादा मीठा और चिकना खाना खाने से मोटे होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए शरबत और कोल्ड-ड्रिंक पीने के बजाय पानी पीएँ। कुछ मीठा खाने के बजाय ज़्यादा फल खाएँ। मांस, मक्खन, केक, चीज़ और बिस्कुट जैसी चीज़ें ज़्यादा मात्रा में न खाएँ, जिनमें चिकनाहट होती है। खाना बनाने के लिए मक्खन, वनस्पति घी जैसी चीज़ों का इस्तेमाल करने के बजाय, ऐसे तेल का इस्तेमाल कीजिए जो सेहत के लिए फायदेमंद हो।

खाने में ज़्यादा नमक लेने से ब्लड प्रेशर (रक्‍तचाप) बढ़ सकता है, जो सेहत के लिए नुकसानदेह है। अगर आपका ब्लड प्रेशर ज़्यादा है, तो खाने की चीज़ें खरीदते वक्‍त पैकेट पर दी जानकारी देखिए कि उनमें कितना नमक है।

एक्‍सरसाइज के ल‍िए समय न‍िकालें 

फ‍िट और हेल्‍दी रहने का कोई शॉर्टकट नहीं है। आपको फ‍िट रहना है और बीमार‍ियों से बचना है, तो हर द‍िन कसरत के ल‍िए समय न‍िकालें। हम में से ज्‍यादातर लोगों के पास समय तो होता है ल‍ेक‍िन समय प्रबंधन न सीख पाने के कारण वे एक्‍सरसाइज के ल‍िए समय नहीं न‍िकाल पाते। खुद को फ‍िट रखने के ल‍िए हर द‍िन 40 से 50 म‍िनट एक्‍सरसाइज करें और फ‍िज‍िकल एक्‍टीव‍िटीज जैसे डांस या जुंबा क्‍लास का ह‍िस्‍सा बनें। 

 

भरपूर नींद लीजिए

सभी लोग अपनी-अपनी ज़रूरत के हिसाब से सोते हैं। नए जन्मे बच्चे हर दिन अकसर 16 से 18 घंटे सोते हैं, 1 से 3 साल के बच्चे 14 घंटे सोते हैं और 3 से 4 साल के बच्चे 11 से 12 घंटे सोते हैं। स्कूल जानेवाले बच्चों को कम-से-कम 10 घंटे सोना चाहिए, किशोर बच्चों को 9 से 10 घंटे सोना चाहिए और बड़ों को 7 से 8 घंटे तक सोना चाहिए।

आराम करने की बात को हलके में मत लीजिए। जानकारों का कहना है कि अच्छी नींद लेना ज़रूरी है क्योंकि इससे:

  • बच्चों और नौजवानों का मानसिक और शारीरिक विकास होता है।

  • हम नयी-नयी बातें सीख पाते हैं और उन्हें याद रख पाते हैं।

  • शरीर में हार्मोन का सही संतुलन बना रहता है, जिसका हाज़मे और वज़न पर असर पड़ता है।

  • दिल की बीमारी होने का खतरा कम हो सकता है।

  • हम कई बीमारियों से बचे रह सकते हैं।


हेल्थ टिप्स जो आपको हमेशा स्वस्थ रखेंगी

 योग विज्ञान से सीखें 5 हेल्थ टिप्स - सेहत और स्वास्थ के लिए कुछ सरल हेल्थ टिप्स। भारतीय संस्कृति में जीने के कुछ ऐसे तौर-तरीके हैं जिनका हम कई पीढ़ियों से पालन करते आ रहे हैं, जैसे – उपवास करना, उठने और बैठने के ढंग, और पानी भरकर रखने के लिए तांबे के बर्तनों का प्रयोग...जानते हैं इन टिप्स के बारे में।


1. तांबे के बर्तन का पानी पीयें

तांबे के बैक्टीरिया-नाशक गुणों में मेडिकल साईंस बड़ी गहरी रुचि ले रहा है। पिछले कुछ वर्षों में कई प्रयोग हुए हैं और वैज्ञानिकों ने यह मालूम किया है कि पानी की अपनी याददाश्त होती है - यह हर उस चीज को याद रखता है जिसको यह छूता है। पानी की अपनी स्मरण-शक्ति होने के कारण हम इस बात पर ध्यान देते हैं कि उसको कैसे बर्तन में रखें।अगर आप पानी को रात भर या कम-से-कम चार घंटे तक तांबे के बर्तन में रखें तो यह तांबे के कुछ गुण अपने में समा लेता है।यह पानी खास तौर पर आपके लीवर के लिए और आम तौर पर आपकी सेहत और शक्ति-स्फूर्ति के लिए उत्तम होता है। अगर पानी बड़ी तेजी के साथ पंप हो कर अनगिनत मोड़ों के चक्कर लगाकर लोहे या प्लास्टिक की पाइप के सहारे आपके घर तक पहुंचता है तो इन सब मोड़ों से रगड़ाते-टकराते गुजरने के कारण उसमें काफ़ी दोष आ जाता है। लेकिन पानी में याद्दाश्त के साथ-साथ अपने मूल रूप में वापस पहुंच पाने की शक्ति भी होती है। अगर आप नल के इस पानी को एक घंटे तक बिना हिलाये-डुलाये रख देते हैं तो दोष अपने-आप खत्म हो जाता है। 


2. शरीर को नींद नहीं, आराम दें

आप सोने किस वक्त जाते हैं, यह तो आपके लाइफ स्टाइल पर निर्भर करता है, लेकिन महत्व इस बात का है कि आपको कितने घंटे की नींद की जरूरत है। अकसर कहा जाता है कि दिन में आठ घंटे की नींद लेनी ही चाहिए। आपके शरीर को जिस चीज की जरूरत है, वह नींद नहीं है, वह आराम है। अगर आप पूरे दिन अपने शरीर को आराम दें, अगर आपका काम, आपकी एक्सरसाइज सब कुछ आपके लिए एक आराम की तरह हैं तो अपने आप ही आपकी नींद के घंटे कम हो जाएंगे। लोग हर चीज तनाव में करना चाहते हैं। मैंने देखा है कि लोग पार्क में टहलते वक्त भी तनाव में होते हैं। अब इस तरह का व्यायाम तो आपको फायदे की बजाय नुकसान ही करेगा, क्योंकि आप हर चीज को इस तरह से ले रहे हैं जैसे कोई जंग लड़ रहे हों। आप आराम के साथ क्यों नहीं टहलते? चाहे टहलना हो या जॉगिंग, उसे पूरी मस्ती और आराम के साथ क्यों नहीं कर सकते?


तो सवाल घूमफिर कर वही आता है कि मेरे शरीर को कितनी नींद की जरूरत है? यह इस बात पर निर्भर है कि आप किस तरह का शारीरिक श्रम करते हैं। आपको न तो भोजन की मात्रा तय करने की जरूरत है और न ही नींद के घंटे। मुझे इतनी कैलरी ही लेनी है, मुझे इतने घंटे की नींद ही लेनी है, जीवन जीने के लिए ये सब बेकार की बातें हैं। आज आप जो शारीरिक श्रम कर रहे हैं, उसका स्तर कम है, तो आप कम खाएं। कल अगर आपको ज्यादा काम करना है तो आप ज्यादा खाएं। नींद के साथ भी ऐसा ही है। जिस वक्त आपके शरीर को पूरा आराम मिल जाएगा, यह उठ जाएगा चाहे सुबह के 3 बजे हों या 8। आपका शरीर अलार्म की घंटी बजने पर नहीं उठना चाहिए। एक बार अगर शरीर आराम कर ले तो उसे खुद ही जग जाना चाहिए।


3. दो हफ्ते में एक बार उपवास करें

आप शरीर के प्राकृतिक चक्र से जुड़ा ‘मंडल’ नाम की एक चीज होती है। मंडल का मतलब है कि हर 40 से 48 दिनों में शरीर एक खास चक्र से गुजरता है।

हर चक्र में तीन दिन ऐसे होते हैं जिनमें आपके शरीर को भोजन की आवश्यकता नहीं होती। अगर आप अपने शरीर को लेकर सजग हो जाएंगे तो आपको खुद भी इस बात का अहसास हो जाएगा कि इन दिनों में शरीर को भोजन की जरूरत नहीं होती। इनमें से किसी भी एक दिन आप बिना भोजन के आराम से रह सकते हैं।

11 से 14 दिनों में एक दिन ऐसा भी आता है, जब आपका कुछ भी खाने का मन नहीं करेगा। उस दिन आपको नहीं खाना चाहिए। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि कुत्ते और बिल्लियों के अंदर भी इतनी सजगता होती है। कभी गौर से देखें, किसी खास दिन वे कुछ भी नहीं खाते। दरअसल, अपने सिस्टम के प्रति वे पूरी तरह सजग होते हैं। जिस दिन सिस्टम कहता है कि आज खाना नहीं चाहिए, वह दिन उनके लिए शरीर की सफाई का दिन बन जाता है और उस दिन वे कुछ भी नहीं खाते। अब आपके भीतर तो इतनी जागरूकता नहीं कि आप उन खास दिनों को पहचान सकें। फिर क्या किया जाए! बस इस समस्या के समाधान के लिए अपने यहां एकादशी का दिन तय कर दिया गया। हिंदी महीनों के हिसाब से देखें तो हर 14 दिनों में एक बार एकादशी आती है। इसका मतलब हुआ कि हर 14 दिनों में आप एक दिन बिना खाए रह सकते हैं। अगर आप बिना कुछ खाए रह ही नहीं सकते या आपका कामकाज ऐसा है, जिसके चलते भूखा रहना आपके वश में नहीं और भूखे रहने के लिए जिस साधना की जरूरत होती है, वह भी आपके पास नहीं है, तो आप फलाहार ले सकते हैं। कुल मिलाकर बात इतनी है कि बस अपने सिस्टम के प्रति जागरूक हो जाएं।


4. पीठ को सीधा रखकर बैठें

शरीर के भीतरी अंगों के आराम में होने का खास महत्व है। इसके कई पहलू हैं। फिलहाल हम इसके सिर्फ एक पहलू पर विचार कर रहे हैं। शरीर के ज्यादातर महत्वपूर्ण भीतरी अंग छाती और पेट के हिस्से में होते हैं। ये सारे अंग न तो सख्त या कड़े होते हैं और न ही ये नट या बोल्ट से किसी एक जगह पर स्थिर किए गए हैं। ये सारे अंग ढीले-ढाले और एक जाली के अंदर झूल रहे से होते हैं। इन अंगों को सबसे ज्यादा आराम तभी मिल सकता है, जब आप अपनी रीढ़ को सीधा रखकर बैठने की आदत डालें।आधुनिक विचारों के मुताबिक, आराम का मतलब पीछे टेक लगाकर या झुककर बैठना होता है। लेकिन इस तरह बैठने से शरीर के अंगों को कभी आराम नहीं मिल पाता।

  


5. पंच तत्वों से जुड़कर जीवन जीयें

हम कुछ लोगों को बता रहे थे कि हमारे योग केंद्र में एक योगिक अस्पताल है, तो अमेरिका से कुछ डॉक्टर इसे देखना चाहते थे और वे हमारे यहां आए। वे एक हफ्ते यहां थे और एक हफ्ते के बाद वे मुझसे बहुत नाराज़ थे। मैंने कहा – “क्यों, मैंने क्या किया? वे चारों तरफ यही बातें कर रहे थे – “ये सब फ़ालतू बकवास है! सद्गुरु ने कहा यहां एक योगिक अस्पताल! कहां है योगिक अस्पताल? हमें कोई बिस्तर नहीं दिख रहे हैं, हमें कुछ नहीं दिख रहा”। फिर मुझे समझ आया कि उनकी समस्या क्या है, फिर मैंने उन्हें बुलाया और मैंने कहा – “परेशानी क्या है” उनमें से एक महिला, जिनकी आँखों में आंसू थे, बोलीं – मैं यहां इतने विश्वास के साथ आई और यहां धोखा हो रहा है, यहां कोई अस्पताल नहीं है, बिल्कुल भी कुछ नहीं यहां और आप बोल रहे हैं कि यहां अस्पताल है। मैंने कहा – “आराम से बैठिये। आपके अस्पताल के बारे में ये विचार हैं कि – बहुत से बिस्तर हों जहां मरीजों को सुला दो और उन्हें दवाइयां देते रहो – ये अस्पताल ऐसा नहीं है। मैं आपको आस-पास घुमाता हूँ – सभी मरीज़ यहां बगीचे में काम कर रहे हैं, और रसोई घर में काम कर रहे हैं। हम उनसे काम करवाते हैं, और वे ठीक हो जाते हैं।



शरीर को स्वस्थ कैसे रखा जा सकता है?

 एक स्वस्थ जीवनशैली आपको जीवन भर फलने-फूलने में मदद कर सकती है। हालाँकि, स्वस्थ विकल्प चुनना हमेशा आसान नहीं होता। नियमित रूप से व्यायाम करने या स्वस्थ भोजन तैयार करने के लिए समय और ऊर्जा निकालना कठिन हो सकता है। हालाँकि, आपके प्रयास कई तरह से और आपके पूरे जीवन में फल देंगे।

  1. व्यायाम 

रोजाना व्यायाम आपकी बढ़ती उम्र के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। अपने डेली के लाइफस्टाइल में आप इसे शामिल करेंगे तो यह आपको आँखों की रोशनी सुधार करता है, ब्लड प्रेशर को सामान्य करता है, दुबली मांसपेशियों को बेहतर बनाता है, कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और हड्डियों के घनत्व में सुधार करता है। आप रोजाना जॉगिंग करें, अपने बच्चों या किसी ऐसे पड़ोसी के साथ पार्क में जाएं, आप चाहें तो रस्सी कूद सकते हैं, या कुछ अन्य एक्टिविटी कर सकते हैं, जिससे आपके शरीर में फुर्ती बनी रहेगी।


  1. सही भोजन का सेवन करें 

आप दिनभर में लगभग पांच सब्जियों का सेवन करने की कोशिश करें। आप उन्हें किसी भी तरह से खा सकते हैं या तो कच्ची या फिर उबाल कर या तल कर। सब्जियों के ज्यादा मात्रा में सेवन से फेफड़ों, बृहदान्त्र, स्तन, गर्भाशय ग्रीवा, अन्नप्रणाली, पेट, मूत्राशय, अग्न्याशय, और अंडाशय के कैंसर का जोखिम कम होता है। पांच सब्जियों के सेवन से आप वजन भी घटा सकते हैं, और यह आपकी भूख को भी कम करेगा।

  1. पर्याप्त पानी पिए

अच्छे स्वास्थ्य शरीर को बनाए रखने के लिए हाइड्रेटेड रहना बहुत महत्वपूर्ण है। पानी हमारे शरीर से गंदगी को बाहर निकालने में मदद करता हैै, इससे हमारी पाचन क्रिया बेहतर रहती हैै, कीमोथेरेपी के परिणाम को रोकता है, इसके निर्माण को रोकता है, मांसपेशियों को सक्रिय करता है और शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। एक स्वास्थ्य शरीर के लिए दिन में पानी का सेवन करते रहें।

  1. ध्यान करें

ध्यान के अच्छे और लंबे समय तक चलने वाले लाभ होते हैं। यह तनाव को कम करता है, हमें तांत्रिकाओं को काबू में करता हैै, इससे हमारे फोकस मे सुधार करता है और दर्द को ठीक करता है। पर्याप्त अभ्यास के साथ यह माइंडफुलनेस, ब्रेन चैटर को कम करता है, ध्यान करने से आपके जीवन की आदतों में कई सकारात्मक बदलाव आते हैं।

  1. नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाएं

वक्त-वक्त डाॅक्टर से नियमित रूप से अपनी जांच कराएं, भले ही आप बिल्कुल ठीक हो। ऐसा करने से यदि आपके शरीर में कोई बीमारी पनप नहीं हो तो उसका जल्दी पता लगाया जा सकता है और इसकी रोकथाम की जा सकती हैै। ऐसे में आप आपके स्वास्थ्य जोखिम को कम कर सकते हैं, अपने शरीर को लेकर अगर आप बेफिक्र रहेंगे तो आपको रात में अच्छी नींद भी आएगी।

  1. स्वस्थ वजन बनाए रखें

एक शरीर का स्वस्थ्य वजन आपको हेल्दी रखने में मदद करता है। आपको अपने शरीर का बॉडी मास इंडेक्स जानने की जरूरत है, इसके लिए आप एक उपकरण का उपयोग कर सकते हैं जिससे आप अपने सही वजन के बारे में जानकारी हासिल कर पाएंगे। बीएमआई यह बताता है कि आपके शरीर में कितनी अधिक चर्बी है। आमतौर पर बीएमआई 18.5 और 22.9 के बीच होना चाहिए।  

  1. कुछ लक्ष्य निर्धारित करें 

अक्सर आपके स्वास्थ्य लक्ष्यों का सबसे बड़ा दुश्मन मुफ्त की सलाह होती हैै, जिसे सुनते-सुनते आप बोर हो जाते हैं। आप एक समय में एक चीज करें, किसी भी चीज की धीरे-धीरे शुरूआत करें, सकारात्मक आदतों को अपनाएं। सोडा के कैन के बजाय दो गिलास पानी का सेवन करें। आप जब वर्क आउट शुरू करें तो आप एक दम से ज्यादा न करें, आप धीरे-धीरे इसकी शुरूआत कर सकते हैं। 

  1. रात में अच्छी नींद लें 

आराम और ध्यान का एक बेहतर तरीका है, दूध का एक गर्म गिलास और बिस्तर पर जाने से पहले हल्के गुनगुने पानी से स्नान। यह दोनों आपको एक अच्छी व आरामदायक नींद दिलाने में मदद कर सकते हैं। आप कोशिश करें कि सोने से पहले आप खाना न खाएं, सोने और रात के खाने के बीच कुछ वक्त का अंतराल रखें, अपने बेडरूम में अंधेरा करने से आपको अच्छी नींद आएगी और तनाव नहीं होगा। आप चाहें तो दिमाग में आए कुछ विचारों को लिख सकते हैं, इससे आपको अच्छा महसूस होगा।

  1. शराब का सेवन न करें 

ज्यादा शराब के सेवन को न कहना ही बेहतर है। अल्कोहल का हमारे मन−मस्तिष्क पर गहरा विपरीत प्रभाव पड़ता है। शराब आपके दिल और फेफड़ों को प्रभावित कर सकती है। जो लोग शराब पीते हैं, उन्हें दिल संबंधी बीमारियाँ होने का जोखिम काफी अधिक होता है। ऐसे व्यक्तियों को उच्च रक्त चाप से लेकर अनियमित दिल की धड़कन, शरीर के माध्यम से रक्त पंप करने में कठिनाई, वजन का बढ़ना, आघात, दिल का दौरा, दिल की बीमारी, हृदय का रुक जाना आदि परेशानियां हो सकती हैं।

  1. तम्बाकू से दूर रहें

तंबाकू में निकोटिन होता है जो हमारे नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। इसे लेने से राहत तो महसूस होती है लेकिन जल्द ही इसकी ऐसी लत लग जाती है कि फिर इसे छोड़ना बेहद मुश्किल हो जाता है। यही वजह है कि तम्बाकू का सेवन करने वाले ढेरों लोग चाहकर भी इसे छोड़ नहीं पाते। कई लोगों को सिगरेट पीने की लत लग जाती है, ऐसे में आप इसे छोड़ने की कोशिश करें। सिगरेट पीने का मन करें तो आप उसके लिए कुछ बेहतर विकल्पों का चयन कर सकते हैं।

  1. घर का खाना खाएं 

हमारी व्यस्त लाइफ में, घर में भोजन बनाना काफी मुश्किल हो जाती है, लेकिन खुद को स्वस्थ्य रखने के लिए हमें बाहर के खाने का सेवन बंद करना चाहिए। घर का बना खाना ज्यादा हेल्दी, साफ और सुरक्षित होता है। घर में बना खाना हमें मोटापे व कई अन्य बीमारियों से दूर रखता है। आप छुट्टी के दिन अलग-अलग तरीकों से खाना बनाकर उसका स्वाद ले सकते हैं।


  1. हेल्दी स्नैक का सेवन करें 

यदि आप बहुत ज्यादा सैचुरेटेड फैट वाले भोजन का सेवन करते हैं तो इससे आपके रक्त में कॉलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ सकती है। यदि ऐसा हुआ तो कोरोनरी ह्रदयरोग का गंभीर खतरा पैदा हो जाएगा। आप हृदय रोग और पुरानी बीमारियों के अपने जोखिम को कम करने के लिए एंटी-इंफ्लेमेटरी ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। आप दूध, अंडे और पनीर ओमेगा -3 वाले पोषक तत्वों से भरपूर पदार्थों का सेवन कर सकते हैं।s

  1. अपने दाँत मत भूलना

अध्ययन की मानें तो दाँतों की स्वच्छता हृदय रोग, निमोनिया, अस्वास्थ्यकर गर्भावस्था, अल्जाइमर और स्तंभन दोष के लिए आपके जोखिम को कम करती है। ऐसे में अपने दाँतों की देखभाल को नज़रअंदाज़ न करें। 

  1. अपने लिए कुछ वक्त निकाले और लोगों से मिलें

यदि आप डेस्क जॉब करते हैं, जो आपके सप्ताह के 60 या अधिक घंटों तक काम करते हैं, तो अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करें। आँफिस से अपने घर वापस जाते समय एक फिटनेस क्लास ले सकते हैं, अपने बच्चों या पालतू जानवरों को टहलाने जा सकते हैं, पड़ोसियों के साथ बातचीत कर सकते हैं और सह कर्मियों के साथ बाहर लंच या डिनर पर जा सकते हैं। 

  1. खुश रहें

स्वस्थ रहने के लिए कृतज्ञता आभार सबसे बेहतर उपकरणों में से एक हो सकता है। यह शारीरिक और मानसिक दोनों स्वास्थ्य में सुधार करता है, सहानुभूति को बढ़ाता है, आक्रामकता को कम करता है, मानसिक शक्ति और आत्म-सम्मान में सुधार करता है। 


क्या आपके डॉक्टर ने कभी आपको ज़्यादा व्यायाम करने, बेहतर खाने, तनाव कम करने या जल्दी सोने का सुझाव दिया है? आप अकेले नहीं हैं। विशेषज्ञ व्यापक रूप से व्यायाम , अच्छे पोषण , आराम और नींद को  स्वस्थ जीवन के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं। जबकि अच्छे स्वास्थ्य के ये तथाकथित "चार स्तंभ" आपके शरीर को चालू रखने में मदद करते हैं, वे आपकी भावनात्मक भलाई के लिए भी चमत्कार करते हैं।

खुद को हेल्दी कैसे रखें ??

 कई तरह के किए गए शोध से पता चलता है कि लंबे वक्त तक जीने के लिए और बीमारियों से दूर रहने की सबसे बेहतर दवा एक हेल्दी लाइफस्टाइल है। यह इतना बड़ा काम भी नहीं है, आप बस अपने आहार और व्यायाम में बदलाव करके अपने तनाव को आराम से दूर कर सकते हैं। इसे एक जिद या जुनून न बनाते हुए आप खुद की नई खोज में एक बेहतर सफर तय कर सकते हैं। आइए देखते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या काम की चीज है।



1. तांबे के बर्तन का पानी पीयें

तांबे के बैक्टीरिया-नाशक गुणों में मेडिकल साईंस बड़ी गहरी रुचि ले रहा है। पिछले कुछ वर्षों में कई प्रयोग हुए हैं और वैज्ञानिकों ने यह मालूम किया है कि पानी की अपनी याददाश्त होती है - यह हर उस चीज को याद रखता है जिसको यह छूता है। पानी की अपनी स्मरण-शक्ति होने के कारण हम इस बात पर ध्यान देते हैं कि उसको कैसे बर्तन में रखें।


2. शरीर को नींद नहीं, आराम दें

आप सोने किस वक्त जाते हैं, यह तो आपके लाइफ स्टाइल पर निर्भर करता है, लेकिन महत्व इस बात का है कि आपको कितने घंटे की नींद की जरूरत है। अकसर कहा जाता है कि दिन में आठ घंटे की नींद लेनी ही चाहिए। आपके शरीर को जिस चीज की जरूरत है, वह नींद नहीं है, वह आराम है। अगर आप पूरे दिन अपने शरीर को आराम दें, अगर आपका काम, आपकी एक्सरसाइज सब कुछ आपके लिए एक आराम की तरह हैं तो अपने आप ही आपकी नींद के घंटे कम हो जाएंगे। लोग हर चीज तनाव में करना चाहते हैं। मैंने देखा है कि लोग पार्क में टहलते वक्त भी तनाव में होते हैं। अब इस तरह का व्यायाम तो आपको फायदे की बजाय नुकसान ही करेगा, क्योंकि आप हर चीज को इस तरह से ले रहे हैं जैसे कोई जंग लड़ रहे हों। आप आराम के साथ क्यों नहीं टहलते? चाहे टहलना हो या जॉगिंग, उसे पूरी मस्ती और आराम के साथ क्यों नहीं कर सकते? 



3. दो हफ्ते में एक बार उपवास करें

आप शरीर के प्राकृतिक चक्र से जुड़ा ‘मंडल’ नाम की एक चीज होती है। मंडल का मतलब है कि हर 40 से 48 दिनों में शरीर एक खास चक्र से गुजरता है।

हर चक्र में तीन दिन ऐसे होते हैं जिनमें आपके शरीर को भोजन की आवश्यकता नहीं होती। अगर आप अपने शरीर को लेकर सजग हो जाएंगे तो आपको खुद भी इस बात का अहसास हो जाएगा कि इन दिनों में शरीर को भोजन की जरूरत नहीं होती। इनमें से किसी भी एक दिन आप बिना भोजन के आराम से रह सकते हैं।


4. पीठ को सीधा रखकर बैठें

शरीर के भीतरी अंगों के आराम में होने का खास महत्व है। इसके कई पहलू हैं। फिलहाल हम इसके सिर्फ एक पहलू पर विचार कर रहे हैं। शरीर के ज्यादातर महत्वपूर्ण भीतरी अंग छाती और पेट के हिस्से में होते हैं। ये सारे अंग न तो सख्त या कड़े होते हैं और न ही ये नट या बोल्ट से किसी एक जगह पर स्थिर किए गए हैं। ये सारे अंग ढीले-ढाले और एक जाली के अंदर झूल रहे से होते हैं। इन अंगों को सबसे ज्यादा आराम तभी मिल सकता है, जब आप अपनी रीढ़ को सीधा रखकर बैठने की आदत डालें। 



5. पंच तत्वों से जुड़कर जीवन जीयें

हम कुछ लोगों को बता रहे थे कि हमारे योग केंद्र में एक योगिक अस्पताल है, तो अमेरिका से कुछ डॉक्टर इसे देखना चाहते थे और वे हमारे यहां आए। वे एक हफ्ते यहां थे और एक हफ्ते के बाद वे मुझसे बहुत नाराज़ थे। मैंने कहा – “क्यों, मैंने क्या किया? वे चारों तरफ यही बातें कर रहे थे – “ये सब फ़ालतू बकवास है! सद्गुरु ने कहा यहां एक योगिक अस्पताल! कहां है योगिक अस्पताल? हमें कोई बिस्तर नहीं दिख रहे हैं, हमें कुछ नहीं दिख रहा”। फिर मुझे समझ आया कि उनकी समस्या क्या है, फिर मैंने उन्हें बुलाया और मैंने कहा – “परेशानी क्या है” उनमें से एक महिला, जिनकी आँखों में आंसू थे, बोलीं – मैं यहां इतने विश्वास के साथ आई और यहां धोखा हो रहा है, यहां कोई अस्पताल नहीं है, बिल्कुल भी कुछ नहीं यहां और आप बोल रहे हैं कि यहां अस्पताल है। मैंने कहा – “आराम से बैठिये। आपके अस्पताल के बारे में ये विचार हैं कि – बहुत से बिस्तर हों जहां मरीजों को सुला दो और उन्हें दवाइयां देते रहो – ये अस्पताल ऐसा नहीं है। मैं आपको आस-पास घुमाता हूँ – सभी मरीज़ यहां बगीचे में काम कर रहे हैं, और रसोई घर में काम कर रहे हैं। हम उनसे काम करवाते हैं, और वे ठीक हो जाते हैं।



किडनी खराब होने की क्या वजह हो सकती है?

 मधुमेह और उच्च रक्तचाप क्रोनिक किडनी रोग और किडनी विफलता के सबसे आम कारण हैं। अनियंत्रित मधुमेह से उच्च रक्त शर्करा स्तर (हाइपरग्लेसेमिया) हो सकता है। लगातार उच्च रक्त शर्करा आपकी किडनी के साथ-साथ अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकती है। 

किडनी फेलियर एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपकी एक या दोनों किडनी अपने आप काम करना बंद कर देती हैं। इसके कारणों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप और तीव्र किडनी की चोटें शामिल हैं। लक्षणों में थकान, मतली और उल्टी, सूजन, आपके बाथरूम जाने की आवृत्ति में बदलाव और मस्तिष्क में कोहरापन शामिल हैं। उपचार में डायलिसिस या किडनी प्रत्यारोपण शामिल है।


गुर्दे की विफलता क्या है?

किडनी फेलियर (गुर्दे की विफलता) का मतलब है कि आपकी एक या दोनों किडनी अब अपने आप ठीक से काम नहीं करती हैं। किडनी फेलियर कभी-कभी अस्थायी होता है और जल्दी (तीव्र) विकसित होता है। अन्य बार यह एक पुरानी (दीर्घकालिक) स्थिति होती है जो धीरे-धीरे खराब होती जाती है।

किडनी फेलियर किडनी रोग का सबसे गंभीर चरण है । उपचार के बिना यह घातक है। यदि आपको किडनी फेलियर है, तो आप उपचार के बिना कुछ दिन या सप्ताह तक जीवित रह सकते हैं।

गुर्दे क्या करते हैं?

आपके गुर्दे सेम के आकार के अंग हैं जो आपकी मुट्ठी के आकार के होते हैं। वे आपकी पसलियों के नीचे, आपकी पीठ की ओर स्थित होते हैं। ज़्यादातर लोगों के पास दो काम करने वाले गुर्दे होते हैं, लेकिन आप सिर्फ़ एक गुर्दे के साथ भी अच्छी तरह से रह सकते हैं, जब तक कि वह ठीक से काम कर रहा हो।

किडनी के कई काम हैं। इनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण काम आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करना है। आपकी किडनी आपके रक्त को फ़िल्टर करती है और अपशिष्ट उत्पादों को मूत्र (पेशाब) के ज़रिए आपके शरीर से बाहर निकालती है।

जब आपके गुर्दे ठीक से काम नहीं करते हैं, तो आपके शरीर में अपशिष्ट उत्पाद जमा हो जाते हैं। अगर ऐसा होता है, तो आप बीमार महसूस करेंगे और अंततः बिना इलाज के मर जाएंगे। कई लोग उचित उपचार के साथ किडनी फेलियर का प्रबंधन कर सकते हैं।


गुर्दे की विफलता किसे प्रभावित करती है?

किडनी फेलियर किसी को भी प्रभावित कर सकता है। हालाँकि, अगर आपमें किडनी फेलियर विकसित होने का जोखिम अधिक है, तो:

  • मधुमेह है .
  • उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) हो ।
  • हृदय रोग है .
  • गुर्दे की बीमारी का पारिवारिक इतिहास हो।
  • गुर्दे की संरचना असामान्य हो।
  • दर्द निवारक दवाइयां

जब किडनी फेलियर शुरू होता है तो क्या होता है?

आपके अनुमानित ग्लोमेर्युलर निस्पंदन दर (ईजीएफआर) के अनुसार गुर्दे की बीमारी के चरण होते हैं।किसी भी गुर्दे की बीमारी के चरण निम्नलिखित हैं:

  • चरण I - आपका GFR 90 से अधिक लेकिन 100 से नीचे है। इस स्तर पर, आपके गुर्दे को हल्की क्षति हुई है लेकिन फिर भी वे सामान्य रूप से कार्य करते हैं।
  • चरण II - आपका GFR 60 जितना कम या 89 जितना अधिक हो सकता है। आपके गुर्दे को चरण I की तुलना में अधिक क्षति हुई है, लेकिन वे अभी भी अच्छी तरह से काम करते हैं।
  • चरण III - आपका जीएफआर 30 जितना कम या 59 जितना अधिक हो सकता है। आपके गुर्दे की कार्यक्षमता में हल्की या गंभीर हानि हो सकती है।
  • चरण IV - आपका GFR 15 से कम या 29 से अधिक हो सकता है। आपके गुर्दे की कार्यक्षमता में गंभीर कमी आ गई है।
  • चरण V - आपका GFR 15 से नीचे है। आपके गुर्दे पूरी तरह से विफल होने के करीब हैं या विफल हो चुके हैं।

लक्षण और कारण

गुर्दे की विफलता के प्रथम चेतावनी संकेत क्या हैं?

कई लोगों को किडनी रोग के शुरुआती चरणों में बहुत कम या कोई लक्षण नहीं दिखते। हालाँकि, क्रोनिक किडनी रोग (CKD) तब भी नुकसान पहुंचा सकता है, जब आप ठीक महसूस कर रहे हों।

सी.के.डी. और किडनी फेलियर के लक्षण लोगों में अलग-अलग होते हैं। अगर आपकी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही है, तो आपको निम्नलिखित में से एक या अधिक लक्षण दिखाई दे सकते हैं:

  • अत्यधिक थकान ( थकान )।
  •  उल्टी
  • भ्रम या ध्यान केन्द्रित करने में परेशानी।
  • सूजन ( एडिमा ), विशेष रूप से आपके हाथों, टखनों या चेहरे के आसपास।
  • अधिक बार पेशाब आना।
  • ऐंठन ( मांसपेशियों में ऐंठन )।
  • सूखी या खुजली वाली त्वचा।
  • भूख कम लगना या भोजन में धातु जैसा स्वाद आना।

गुर्दे की विफलता के सबसे आम कारण क्या हैं?

मधुमेह और उच्च रक्तचाप क्रोनिक किडनी रोग और किडनी फेल्योर के सबसे आम कारण हैं।

अनियंत्रित मधुमेह से उच्च रक्त शर्करा स्तर (हाइपरग्लाइसेमिया) हो सकता है। लगातार उच्च रक्त शर्करा आपके गुर्दे के साथ-साथ अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

उच्च रक्तचाप का मतलब है कि रक्त आपके शरीर की रक्त वाहिकाओं के माध्यम से बलपूर्वक यात्रा करता है । समय के साथ और उपचार के बिना, अतिरिक्त बल आपके गुर्दे के ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकता है।

किडनी फेलियर आमतौर पर जल्दी नहीं होता है। सी.के.डी. के अन्य कारण जो किडनी फेलियर का कारण बन सकते हैं, उनमें शामिल हैं:

  • पॉलीसिस्टिक किडनी रोग (पीकेडी) । पीकेडी एक ऐसी स्थिति है जो आपको अपने माता-पिता में से किसी एक से विरासत में मिलती है (वंशानुगत स्थिति) जो आपके गुर्दे के अंदर तरल पदार्थ से भरे थैलों (सिस्ट) को विकसित करने का कारण बनती है।
  • ग्लोमेरुलर रोग । ग्लोमेरुलर रोग इस बात को प्रभावित करते हैं कि आपके गुर्दे अपशिष्ट को कितनी अच्छी तरह से फ़िल्टर करते हैं।
  • ल्यूपस । ल्यूपस एक स्वप्रतिरक्षी रोग है जो अंग क्षति, जोड़ों में दर्द, बुखार और त्वचा पर चकत्ते पैदा कर सकता है।

किडनी फेलियर अप्रत्याशित कारणों से भी जल्दी विकसित हो सकता है। तीव्र किडनी फेलियर (तीव्र किडनी की चोट) तब होता है जब आपकी किडनी अचानक काम करने की क्षमता खो देती है। तीव्र किडनी फेलियर कुछ घंटों या दिनों के भीतर विकसित हो सकता है। यह अक्सर अस्थायी होता है।

तीव्र किडनी विफलता के सामान्य कारणों में शामिल हैं:

  • स्वप्रतिरक्षी गुर्दे के रोग.
  • कुछ दवाएँ.
  • गंभीर निर्जलीकरण.
  • मूत्र मार्ग में रुकावट.
  • अनुपचारित प्रणालीगत रोग, जैसे हृदय रोग या यकृत रोग

क्या गुर्दे की विफलता संक्रामक है?

नहीं, किडनी फेलियर संक्रामक नहीं है। आप सी.के.डी. का कारण बनने वाली स्थितियों को किसी दूसरे व्यक्ति में नहीं फैला सकते।

निदान और परीक्षण

गुर्दे की विफलता का निदान कैसे किया जाता है?

स्वास्थ्य सेवा प्रदाता आपके गुर्दे का मूल्यांकन करने और गुर्दे की विफलता का निदान करने के लिए विभिन्न प्रकार के किडनी फ़ंक्शन परीक्षणों का उपयोग कर सकता है । यदि प्रदाता को संदेह है कि आपको गुर्दे की विफलता का खतरा है, तो सामान्य परीक्षण में शामिल हैं:

  • रक्त परीक्षण । रक्त परीक्षण से पता चलता है कि आपके गुर्दे आपके रक्त से अपशिष्ट को कितनी अच्छी तरह से हटाते हैं। एक प्रदाता आपकी बांह की नस से थोड़ी मात्रा में रक्त निकालने के लिए एक पतली सुई का उपयोग करेगा। तकनीशियन फिर एक प्रयोगशाला में आपके रक्त के नमूने का विश्लेषण करेंगे।
  • मूत्र परीक्षण । मूत्र परीक्षण आपके पेशाब में मौजूद विशिष्ट पदार्थों, जैसे प्रोटीन या रक्त को मापते हैं। आप प्रदाता के कार्यालय या अस्पताल में एक विशेष कंटेनर में पेशाब करेंगे। तकनीशियन फिर प्रयोगशाला में आपके मूत्र के नमूने का विश्लेषण करेंगे।
  • इमेजिंग परीक्षण । इमेजिंग परीक्षण प्रदाता को आपके गुर्दे और आस-पास के क्षेत्रों को देखने की अनुमति देते हैं ताकि असामान्यताओं या रुकावटों की पहचान की जा सके। आम इमेजिंग परीक्षणों में किडनी अल्ट्रासाउंड , सीटी यूरोग्राम और एमआरआई शामिल हैं ।

प्रबंधन और उपचार

गुर्दे की विफलता का इलाज कैसे किया जाता है?

गुर्दे की विफलता का उपचार समस्या के कारण और सीमा पर निर्भर करता है।

किसी पुरानी बीमारी का इलाज किडनी की बीमारी के बढ़ने की गति को धीमा कर सकता है। अगर आपकी किडनी धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती है, तो स्वास्थ्य सेवा प्रदाता आपके स्वास्थ्य पर नज़र रखने और किडनी की कार्यक्षमता को यथासंभव लंबे समय तक बनाए रखने के लिए कुछ अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल कर सकता है। इन तरीकों में शामिल हो सकते हैं:

  • नियमित रक्त परीक्षण.
  • रक्तचाप की जाँच.
  • दवाई।

अगर आप किडनी फेलियर से पीड़ित हैं, तो आपको जीवित रहने के लिए उपचार की आवश्यकता है। किडनी फेलियर के लिए दो मुख्य उपचार हैं।


डायलिसिस

डायलिसिस आपके शरीर को रक्त को फ़िल्टर करने में मदद करता है। डायलिसिस दो प्रकार के होते हैं:

  • हेमोडायलिसिस । हेमोडायलिसिस में, एक मशीन नियमित रूप से आपके रक्त को साफ करती है। ज़्यादातर लोग अस्पताल या डायलिसिस क्लिनिक में हफ़्ते में तीन से चार दिन हेमोडायलिसिस करवाते हैं।
  • पेरिटोनियल डायलिसिस । पेरिटोनियल डायलिसिस में, एक प्रदाता आपके पेट की परत में एक कैथेटर से डायलिसिस समाधान के साथ एक बैग जोड़ता है। समाधान बैग से आपके पेट की परत में बहता है, अपशिष्ट उत्पादों और अतिरिक्त तरल पदार्थों को अवशोषित करता है और वापस बैग में चला जाता है। कभी-कभी लोग घर पर पेरिटोनियल डायलिसिस प्राप्त कर सकते हैं।

किडनी प्रत्यारोपण

किडनी ट्रांसप्लांट के दौरान सर्जन आपके शरीर में एक स्वस्थ किडनी डालता है ताकि आपकी क्षतिग्रस्त किडनी की जगह ले सके। स्वस्थ किडनी (दाता अंग) किसी मृत दाता या जीवित दाता से आ सकती है। आप एक स्वस्थ किडनी के साथ अच्छी तरह से जी सकते हैं।

क्या कोई व्यक्ति गुर्दे की विफलता से उबर सकता है?

हां, उचित उपचार से आप किडनी फेलियर से उबर सकते हैं। हो सकता है कि आपको जीवन भर उपचार की आवश्यकता पड़े।

आप किडनी फेल्योर के साथ कितने समय तक जीवित रह सकते हैं?

डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना किडनी फेलियर घातक हो सकता है। आप बिना इलाज के कुछ दिन या हफ़्ते तक जीवित रह सकते हैं।

यदि आप डायलिसिस पर हैं, तो औसत जीवन प्रत्याशा पांच से 10 वर्ष है। कुछ लोग डायलिसिस पर 30 साल तक जीवित रह सकते हैं।

यदि आप किडनी ट्रांसप्लांट करवाते हैं, तो जीवित डोनर से किडनी मिलने पर औसत जीवन प्रत्याशा 12 से 20 वर्ष होती है। यदि आप मृतक डोनर से किडनी प्राप्त करते हैं तो औसत जीवन प्रत्याशा आठ से 12 वर्ष होती है।

रोकथाम

मैं गुर्दे की विफलता को कैसे रोक सकता हूँ?

हालांकि किडनी फेलियर और सी.के.डी. को ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन आप अपनी किडनी की कार्यक्षमता को बनाए रखने के लिए कुछ कदम उठा सकते हैं। स्वस्थ आदतें और दिनचर्या आपकी किडनी के काम करने की क्षमता को कितनी जल्दी खो देती है, इसे धीमा कर सकती है।

यदि आपको सी.के.डी. या किडनी फेलियर है, तो यह अच्छा विचार है कि:

  • अपने गुर्दे की कार्यप्रणाली पर नजर रखें।
  • यदि आपको मधुमेह है तो अपने रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य सीमा में रखें।
  • अपने रक्तचाप के स्तर को सामान्य सीमा में रखें।
  • तम्बाकू उत्पादों के उपयोग से बचें।
  • अधिक प्रोटीन और सोडियम वाले खाद्य पदार्थों से बचें ।
  • अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ प्रत्येक नियमित नियुक्ति पर जाएँ।


अपनी किडनी को डिटॉक्स करने का सबसे तेज़ तरीका क्या है?

 हमारा शरीर कई तरह के टॉक्सिन्स को फिल्टर और बाहर निकालने का काम करता है, जिसमें सबसे अहम भूमिका किडनी निभाती है। किडनी हमारे खून को साफ कर...